डॉक्टर दीदी सुहानी यादव
डॉक्टर दीदी
सुहानी यादवजब मैं बड़ी हो जाऊँगी
डॉक्टर दीदी बन जाऊँगी
सुन्दर सा होगा क्लीनिक मेरा
सबको दवा पिलाऊँगी
बुखार की कर दूँगी छुट्टी
खाँसी को मार भगाऊँगी
साफ सफाई है सबसे बेहतर
सबको ये समझाऊँगी
मन लगाकर पढ़ूँगी खूब
अच्छे नम्बर भी लाऊँगी
मम्मा पापा होगें खुश
टीचर का नाम बढ़ाऊँगी
तब होगा पूरा मेरा सपना
जब डॉक्टर सुहानी बन जाऊँगी
जब मैं बड़ी हो जाऊँगी
डॉक्टर दीदी बन जाऊँगी