तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप चंदबरदाई
तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप
चंदबरदाई | वीर रस | भक्तिकालतन तेज तरनि ज्यों घनह ओप .
प्रगटी किरनि धरि अग्नि कोप .
चन्दन सुलेप कस्तूर चित्र .
नभ कमल प्रगटी जनु किरन मित्र.
जनु अग्निं नग छवि तन विसाल .
रसना कि बैठी जनु भ्रमर व्याल .
मर्दन कपूर छबि अंग हंति .
सिर रची जानि बिभूति पंति .
कज्जल सुरेष रच नेन संति .
सूत उरग कमल जनु कोर पंति.
चंदन सुचित्र रूचि भाल रेष.
रजगन प्रकास तें अरुन भेष .
रोचन लिलाट सुभ मुदित मोद .
रवि बैठी अरुन जनु आनि गोद.
धूसरस भूर बनि बार सीस.
छबि बनी मुकुट जनु जटा ईस.
धमकन्त धरनि इत लत घात.
इक श्वास उड़त उपवनह पात.
विश्शीय चरित ए चंद भट्ट .
हर्षित हुलास मन में अघट्ट
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परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
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