मैं लिखता हूँ तो भूख मिट जाती है -पेट और आत्मा दोनों की।
मुर्दाघर
1207 1
मेरी दादी
1277 0
औरतें
1414 0
अभी तलक बाकी है
1546 0
तब मेरा गाँव मुझे याद आता है
1793 1
मिलना कभी उन गलियों में
1371 1
बेटी बचेगी, तो ही पढ़ेगी
1259 0
इस चाराग़री में सब होशियार हैं
1375 0
मुल्क ही अगर नहीं होगा
1333 0
कुछ सलीका खुदा को भी सीखना चाहिए
1387 1
बस आसमान को बाँटना बाकी है
1222 0
सच की लाश मिली
1336 0
आँखों में धुँआ क्या है
1279 1
जब मिलता हूँ आदतन मुस्कुरा देता हूँ
1357 0
ग़ज़ल का मक़सद और मौजूँ क्या है
1182 0
इश्क़ किया और आग से खेलता रहा
1241 0
शान्त उसका हुस्न-ए-बरहम ही कब था
1175 0
निगाहों का पर्दा कहाँ था
1338 0
जबसे मैं मेरा ही न रह गया
1108 0
कौम बातों से कैसे बहल जाएगा
1154 0
तेरे ख़्वाब लेके मैं आँखों में
1191 0
पसीने से तरबतर भोर है कैसा
1131 1
तू रसूक बनकर सबको फुसलाता क्या है
1321 0
थोड़ी रियायत भी देनी थी
1114 0
गर्दन भी रोज़ दबाता है
1190 0
गुनाह यहाँ रोज़ होता है
चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा
1292 0
आज़ादी को भी नई आज़ादी चाहिए
1272 0
नहीं है आरज़ू कि फिर से बेटी बनूँ
1123 0
इस हसीन शहर में बसिए ज़रा
1280 0
ये दौर-ए-इम्तेहान है
1060 0
कभी हंगामा कभी जलसा होता रहा
1192 1
बदलते दौर में इज़्ज़तदारों का खानदान हूँ
1190 1
प्रेम-विरह
1078 0
आज का अखबार आ गया
1072 0
ऐ मेरे मन
1349 0
रातों को छत पे बुलाते क्यों रहे
1181 0
हम फिर तन्हा रह गए
1160 1
अपना वजूद
उसकी आँखें
1087 0
चाक पे गढ़ी औरतें
1343 1
वैश्या
1558 1
औरत होने का समीकरण
1579 1
अहसास विकलांग नहीं होते
1129 2
शिखर का सच
1220 1
जीवन और मृत्यु
1377 2
ठहरे हुए पानी में आग लगाना आता है
1290 1
इंसान होने के मायने
1142 1
मैं उजालों का ही शौकीन हूँ
ये प्रकरण कहाँ से शुरू होता है
1577 1
किताब में कैद एक गुलाब
1582 2
बलात्कार से पहले और बलात्कार के बाद
1943 2
मेरी कविताओं का दर्द
1919 1
मैकदा और मीना अच्छा लगता है
1141 0
मुझे नयन कारे-कारे ला के दे दो
1091 1
इश्क़ कभी औरों के भरोसे किया है क्या
1086 0
खुद को तुझमें समाता चला गया
1363 1
रस्म की शुरुआत मेरे बाद कीजिए
1070 1
मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे
1159 1
वो जब से लौट आए से मेरे शहर में
1124 1
मुझको अफवाहों से डराता है क्या
1071 0
गर हो तुम्हारी इज़ाज़त
1081 0
औकात दिखाना आता है
1646 0
तू मेरा कल नहीं, तू मेरा आज नहीं
1039 0
होता नहीं
1239 1
काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए
1213 1
#मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं
1032 2
यकीनन माली का बहा हुआ खूँ होगा
1684 1
इन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है
1389 2
गुमनाम आज़ादी
1068 1
इंसान सरहदों से कहीं बढ़कर है
1092 0
वो सुनता बहुत है तुम्हारी बातों को
1037 2
ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली
1035 1
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है
1106 1
बच्चों को गिरने पड़ने भी दीजिए
1127 1
तू मिलना अब मुझसे तो
1135 1
क्या तुझे भी मुझ सा दीवाना याद आता है
1158 1
अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा
1012 1
आप बेरुखी से खिखिलाते रहिए
973 1
अफवाह
996 1
मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए
1144 1
इंसानियत क्या है
1183 1
वो सीने से लगकर यूँ रो दिए
1073 1
अपने तिरंगे में ही प्राण रखता हूँ
1057 1
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या
999 0
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम हैं
970 0
वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे
1004 1
न जाने किनका ख्याल आ गया
1028 1
यहाँ अब जीना भी मुहाल है
992 1
रोटी की जात नहीं पूछा करते
ये न पूछ कि वो मेरा क्या लगता है
1054 1
उसकी आँखों में कहीं गंगाजल रहता है
1024 1
मुक्त करो भगवन को आज!
1046 1
न जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा
1016 1
अगर तेरा नूरानी हुस्न चुरा सकता मैं
1093 1
सब हादसे दिन में मुक़म्मल होते नहीं
खूबियाँ साथ ले के चलो
956 1
मेरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी
1017 1
सच को झूठ से और कितना बदलोगे
1085 1
लक्ष्मी,दुर्गा और सरस्वती
1059 0
मोहर
1047 0
ज़िंदा दिखो भी
1028 0
यह संभव है
1077 0
ज़िन्दगी केवल ही शर्त नहीं
1227 0
मोहब्बत का शौक़ीन नया समाज नहीं
916 1
ज़मीर में सलामत मुआमला रखिए
1022 1
अब मेरी समझ में आता है
989 0
कौन मेरे गुनाहों पर पर्दा डाल देता है
1077 2
मेरा दिल मानो कि गुलाब सा खिल गया
अदाओं में बहार लेके चलते हैं
1058 2
जितना हो सके, आसमाँ छेकते रहिए
947 1
कुछ कर सकते नहीं तो, मर जाते क्यूँ नहीं
अभी आँखें बंद रहें तो ही सही
910 1
दवा करो तो फिर दुआ भी करो (नज़्म)
1086 1
वो सवाल से डरता बहुत है
936 2
अमूमन क्या होता है
878 1
ये कैसी बेख़बरी है
990 1
कितने वक़्त से जुबां से कोई बात निकाली ही नहीं
830 1
रंग गोरा ही देते
914 1
छोड़ आए
767 1
सुनिए
762 2
राजपथ की स्त्रियाँ
परीक्षाएँ
1306 1
लड़कियाँ जब प्रेम पत्र लिखती हैं
1423 1
औरत
693 1
खुद रंग
812 1
अमूर्त
785 1
विधवा
1245 2
मुझे भाषण जुमलों से भरपूर नज़र आते हैं
760 1
खुदा से दुआ में हाथों का उठाना खत्म हुआ
843 1
अच्छे और बुरे सब बिक जाने लगे हैं
किरदार
694 1
अपनी लाश उठाने की सोचता हूँ
907 1
बुरा मत कहो
929 1
वो बुढ़िया
1023 1
मुलाक़ात
814 1
बारिश को अब बचा लो तुम
834 1
तुम्हारे सिवा और आदत क्या है
774 1
मत समझो कि ये घना कोहरा है
742 0
इश्क़ ने ये कमाल किया
683 0
खुदाई से मेरा कोई सरोकार नहीं है
719 1
यूँ ही कातिल के हाथ में खंज़र नहीं आता
614 0
जीत जाने की बस इतनी सी शर्त है
593 0
यह सदी की सबसे नायाब बीमारी है
631 0
दर्द बहता रहे तो अच्छा है
727 1
जवान होती लड़कियाँ
758 1
कैसे हैं खेत, कैसा है कुआँ का पानी कहो
879 1
लाचारी
749 1
सामान्य
955 1
गाँव और बरगद
894 1
प्राण-प्रिय
1617 1
भय
757 1
खर-पतवार
731 1
बूँदें
615 1
तुम्हारा होना
608 1
मैं और मेरी कविता
324 1
सभ्यता की स्थापना
311 1
निमित्त प्रेम
315 1
आज फिर एक बुद्ध की तलाश है
298 1
कोई तो
269 1
आईना
222 0
तुम ही तुम
184 0