हाँ! "हिन्दी" है मेरी मातृभाषा Rajender कुमार Chauhan
हाँ! "हिन्दी" है मेरी मातृभाषा
Rajender कुमार Chauhanमुझको गँवार समझते हैं,
गोरों का दास बन झुकते हैं,
घर की मुर्गी है दाल सुहासा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
देवनागरी की ये मधुशाला,
रास रँग भर दे इसकी हाला,
छन्दों से तृप्त हो जाए प्यासा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
सरल माध्यम अभिव्यक्ति का,
हिन्दी की यश और कीर्ति का,
विस्तार करे ये सबकी आशा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
हर शब्द में इसकी सुन्दरता,
व्याकरण सहज ही कोमलता,
इसका उत्थान मेरी अभिलाषा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
दुर्बल अबलाओं की शक्ति है,
विदुषी, विद्वानों की भक्ति है,
अलंकार है इसकी परिभाषा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
इस पर है अभिमान मुझे,
इसकी क्षमता का ज्ञान मुझे,
बस ध्यान दीजिए हल्का सा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!
इसका प्रचार-प्रसार करो,
मनभावन सा श्रृंगार करो,
पढ़ने की जगे जो जिज्ञासा,
हाँ! हिन्दी है मेरी मातृभाषा!