भारत के नेता Anupama Ravindra Singh Thakur
भारत के नेता
Anupama Ravindra Singh Thakurभारत के नेताओं के क्या कहने,
दो-दो सिपाही चलते हैं इनके दाहिने और बाहिने,
होती है इनकी अलग ही शान,
हाथ जोड़े खड़े होते हैं बड़े-बड़े विद्वान,
होती है इनकी अपनी एक विशिष्ट पहचान,
रहने के लिए प्राप्त होता है इन्हें सरकारी निवास स्थान।
घूमने के लिए होता है सरकारी वाहन,
सरकार से ही प्राप्त होता है इन्हें घूमने के लिए ईंधन,
इसीलिए पेट्रोल के बढ़ते दामों पर
नहीं करते ये चिंतन,
जनता का हो जाए चाहे मरन।
इन्हें प्राप्त होती है सरकारी सुख-सुविधाओं की शरण,
ये तो चाहते हैं जनता पखारती रहे इनके चरण,
क्यों करेंगे ये फिर बढती महंगाई पर मनन?
हमारे पैसों से करते हैं ये विदेशी भ्रमण,
केवल चुनाव के समय देते हैं ये जनता को दर्शन।
इनके ऊपर लागू नहीं होता है कोई नियम या अनुशासन,
केवल जनता पर थोपे जाते हैं कठोर नियम और बंधन,
विदेशी बैंकों में जमा होता है इनका सारा धन
और दूसरों के संपत्ति का करवाते हैं ये सर्वेक्षण,
इनके लिए जरूरी नहीं कोई शिक्षण या प्रशिक्षण।
खादी वर्दी की पोशाक पहन
प्रदर्शित करते हैं ये आपना भ्रष्ट आचरण,
अब तो जागो हे जनता जनार्दन,
मत करो ऐसे नेताओं का चयन,
हे भारत के नेता आप को साष्टांग नमन।