विश्व कल्याण Rajender कुमार Chauhan
विश्व कल्याण
Rajender कुमार Chauhan"सब साथ सबका विकास",
विश्व स्तर पर हो ये प्रयास,
सज सँवर जाएगी वसुंधरा,
जन जीवन हो जाए खाश!
स्वच्छ हो धरा हवा नीर नभ,
स्वछन्द हो जाए आकाश!
छल कपट छू मन्तर क्षण में,
परस्पर बढ़ता जाए विश्वास!
मानवता हो हृदय अंकुरित,
सावन जैसा हो हर मास!
आशाएँ सब रहें पनपती,
सुख समृद्धि हो सबके पास!
नीर संजोए धरती अम्बर,
उपज बढ़े बुझ जाए प्यास!
वातावरण हो महकता आँगन,
शुद्ध पर्यावरण में हो आवास!
परमाणु सदुपयोग हो अगर,
स्वयं रच जाएगा इतिहास!
पृथ्वी से तारा मण्डल तक,
विश्व शान्ति का होगा वास!
हर पल हर चिन पर्व सरीखा,
हर मन हर्षित होगा उल्लास!!
अपने विचार साझा करें
परमाणु शक्ति का दुरुपयोग, हथियारों की होड़, उन्नति की झूठी दौड़, इन सब प्रगति की आड़ में हम मानवीय मूल्यों को अनदेखा कर रहे हैं! ये तेरा ये मेरा के स्वार्थ ने देश, धर्म, रंग भेद के साथ-साथ दिलों को भी बाँट कर सीमित कर दिया है! जबकि सबका हित "सब साथ सबका विकास है"।