हाय! कोरोना Rajender कुमार Chauhan
हाय! कोरोना
Rajender कुमार Chauhanहाहाकार! मचा है जग में,
ताण्डव करता है कोरोना!
मानव कितना बेबस आज,
देख-देख आता है रोना!
ना युद्ध, ना जात-पात है,
लाशें बन गई हैं बिछौना!
चिकित्सा, औषधि असहाय,
ज्ञान-विज्ञान लगे है बौना।
प्रकृति का ये रौद्र रूप--
सिखा रहा कुछ समझो ना!
बिगड़ा है सन्तुलन धरा का,
स्रोतों से खिलवाड़ करो ना!
कीट-पतंग,पशु-पक्षी, वृक्ष,
है प्रभु सम्पदा नहीं खिलौना!
छल बल दिखा दिया चुपके से,
बरपा कर ये कहर कोरोना।
विश्व गुरू है भारत सब का,
आश है बाकी अभी डरो ना!
मोदी ने उपचार है बताया--
घर से बाहर मत निकलो ना!
पीड़ित की दो तोड़ श्रृंखला,
एकांत वास उसे रख लो ना!
उचित दूरी भी चलो बना कर,
मुँह पर मास्क पहन लो ना।
हार जाएगा फिर कोरोना,
भाग जाएगा फिर कोरोना!
डर जाएगा हिम्मत से हमारी,
हम हैं हिन्दुस्तान की सेना!
हथियारों से नहीं लड़ते हम,
मस्तिष्क हमारा है पैना!
हम सत्य अहिंसा वादी हैं,
चौड़ा कर चलते हैं सीना।