बदिंशे न लाँघ ऐ इंसा Surya Pratap Singh
बदिंशे न लाँघ ऐ इंसा
Surya Pratap Singhतोहमत लगाने की होड़ में
बदिंशे न लाँघ ऐ इंसा,
देहलीज़ पार करके
वापस न आ पाएगा।
इक बार दूरियाँ
दिलों के दरमियां आ गई अगर,
बाद कोशिश करके भी
न इसको भर पाएगा।
दिलों मे दूरियाँ आ गईं हैं अगर,
बेहतर हैं उसको बयां कर,
मुखौटा ओढ़कर चालाकियों का,
अच्छे होने की झूठी नुमाइश न कर।