याद है मुझे  Aman Kumar Singh

याद है मुझे

Aman Kumar Singh

वो पहली बार आँखों का
तेरी आँखों से मिलना,
नज़रों के मिलते ही
तेरी नज़रों का झुकना,
वो पहली बार तुझमें
मेरे इश्क का महकना,
याद है मुझे।
 

वो तुझे देखने के खातिर
हर दिन स्कूल जाना,
वो तेरे सामने आते ही
सब कुछ भूल जाना,
वो तुझे चाहना
पर सबसे छुपाना,
याद है मुझे।
 

वो तेरे रास्ते से गुज़रना
वो तेरी जुल्फों का बिखरना,
वो तेरी आँखों में
मेरे इश्क का उतरना,
याद है मुझे।
 

वो कैसे हमारी बातें शुरू हुई
वो कैसे हमारी मुलाकातें शुरू हुई,
वो कैसे तू मेरे लिए एक अनजान चेहरे से
सबसे हसीन ख्वाब बन गया,
वो कैसे तू मेरे हर एक सवाल का
जवाब बन गया,
याद है मुझे।
 

वो तेरा आखिरी बार मिलना
वो तुझे दूर जाते हुए देखना,
वो भरा हुआ सा मन
वो काँपता बदन,
वो तुझे रोकने की चाहत
न रोक पाने की लाचारी,
सब, याद है मुझे।

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