राबता Surya Pratap Singh
राबता
Surya Pratap Singhहैं खामोशियाँ लबों पर
इस बेजार जमानें की वजह से,
तू क्यों बेजार हुआ जा रहा
है कोई मुकम्मल वजह तो बता।
मैं कोशिश कर सकता हूँ
कि बढ़े न आपस में ये दूरियाँ,
है कोई रास्ता कि मैं चल सकूँ
मैं तैयार हूँ बता सकता है तो बता।