गाँव की दीवाली Shivmani Sahu
गाँव की दीवाली
Shivmani Sahuएक दीया खेत में,
एक दीया खलियान में,
एक दीया बगीचे में,
एक दीया खान में।
एक दीया थान पर,
एक दीया पवान पर,
एक दीया मेड़ पर,
एक दीया पेड़ पर।
एक दीया कोठरी में,
एक दीया झोपड़ी में,
एक दीया गौंखे पर,
एक दीया हौदें पर।
एक दीया सीढ़ी पर,
एक दीया डेढ़ी पर,
एक दीया खाट पर,
एक दीया माच पर।
एक दीया चूल्हे में,
एक दीया चौके में,
एक दीया आँगन में,
एक दीया छावन में।
एक दीया कुँए पर,
एक दीया छुहे पर,
एक दीया बाड़े पर,
एक दीया किवाड़े पर।
एक दीया मन्दिर में,
एक दीया दुकान में,
एक दीया गमले में,
एक दीया दालान में।
एक दीया नाली पर,
एक दीया नल पर,
एक दीया टाली पर,
एक दीया हल पर।
कुछ दीया छत पर,
कुछ दीया खिड़की पर,
कुछ दीया मोहार पर,
सात दीया द्वार पर।
नहीं छूटता है कोई कोना,
हर कोना हो जाता है सलोना,
ऐसी होती है गाँव की दीवाली,
हर तरफ जहाँ फैली खुशहाली।
पटाखों की फटफट,
आती है चारों तरफ,
रंग-बिरंगे चमकीले झालर,
कर लेते हैं सब को कायल।
बच्चों का हाहाकार
हर घर, हर द्वार,
चार चांद लगाता है
इनका ये पुकार।
पूजे जाते हैं लक्ष्मी-गणेश,
हर घर होता आज इनका प्रवेश,
हर दीवाली लाए खुशहाली,
आप सभी को शुभ दीपावली।