कालजयी कविताएँ

हिंदी साहित्य की कालजयी कविताओं का संकलन





मैथिलीशरण गुप्त

चारु चंद्र की चंचल किरणें

मैथिलीशरण गुप्त

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1906  0

नक्श लायलपुरी

एक आँसू गिरा सोचते-सोचते

नक्श लायलपुरी

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1396  0

आलोक श्रीवास्तव

सारा बदन हयात की ख़ुशबू से भर गया

आलोक श्रीवास्तव

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1311  0

रामधारी सिंह 'दिनकर'

जब आग लगे

रामधारी सिंह 'दिनकर'

अद्भुत रस | आधुनिक काल

 1146  0

संतोषानन्द

मैं हूँ प्रेम रोगी

संतोषानन्द

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1588  0

पद्माकर

अधखुली कँचुकी उरोज अध आधे खुले

पद्माकर

शृंगार रस | रीतिकाल

 1846  0

त्रिलोचन

चंचल पवन प्राणमय बंधन

त्रिलोचन

शांत रस | आधुनिक काल

 902  0

प्रभाकर माचवे

काशी के घाट पर

प्रभाकर माचवे

शांत रस | आधुनिक काल

 1066  0

हरिवंश राय बच्चन

जाओ कल्पित साथी मन के

हरिवंश राय बच्चन

अद्भुत रस | आधुनिक काल

 1108  0

मीराबाई

चितवौ जी मोरी ओर

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

 1522  0

महाकवि बिहारीलाल

गाहि सरोवर सौरभ लै

महाकवि बिहारीलाल

शृंगार रस | रीतिकाल

 1190  0

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

मैं नहीं आया तुम्हारे द्वार

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1636  0

सोम ठाकुर

रंगों के बोल 

सोम ठाकुर

शांत रस | आधुनिक काल

 1115  0

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

आधी रात बीत गई

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

अद्भुत रस | आधुनिक काल

 1005  0

माखनलाल चतुर्वेदी

समय के समर्थ अश्व

माखनलाल चतुर्वेदी

वीर रस | आधुनिक काल

 2249  0

संतोषानन्द

ओ मेघा रे

संतोषानन्द

शांत रस | आधुनिक काल

 1040  0

जगन्नाथदास 'रत्नाकर'

थोरी-थोरी बैस की अहीरन की छोरी संग

जगन्नाथदास 'रत्नाकर'

शृंगार रस | रीतिकाल

 1312  0

रामधारी सिंह 'दिनकर'

कुरुक्षेत्र / प्रथम सर्ग / भाग 1

रामधारी सिंह 'दिनकर'

वीर रस | आधुनिक काल

 2633  0

महादेवी वर्मा

मिटने क अधिकार

महादेवी वर्मा

शांत रस | आधुनिक काल

 1300  1

मैथिलीशरण गुप्त

शिशिर न फिर गिरि वन में

मैथिलीशरण गुप्त

शांत रस | आधुनिक काल

 1166  0

पद्माकर

चहचही चुभकैँ चुभी हैँ चौँक

पद्माकर

शृंगार रस | रीतिकाल

 1266  0

रहीम

बरवै नायिका-भेद

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

 1411  0

बालकवि बैरागी

सारा देश हमारा

बालकवि बैरागी

वीर रस | आधुनिक काल

 2799  0

आलोक श्रीवास्तव

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र

आलोक श्रीवास्तव

अद्भुत रस | आधुनिक काल

 990  0

अशोक वाजपेयी

सूर्य

अशोक वाजपेयी

शांत रस | आधुनिक काल

 948  0

चंदबरदाई

कुछ छंद

चंदबरदाई

रौद्र रस | भक्तिकाल

 8608  0

महादेवी वर्मा

मेरा सजल मुख देख लेते

महादेवी वर्मा

शृंगार रस | आधुनिक काल

 1523  0

भवानी प्रसाद मिश्र

आज पानी गिर रहा है

भवानी प्रसाद मिश्र

अद्भुत रस | आधुनिक काल

 1101  0

मीराबाई

आय मिलौ मोहि

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

 1396  0

भूषण

दारा की न दौर यह,रार नहीं खजुबे की

भूषण

वीर रस | रीतिकाल

 1606  0



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