डरता हूँ Rajat Sharma
डरता हूँ
Rajat Sharmaदो लफ़्ज़ों की कहानी है मगर,
तुझे सुनाने से डरता हूँ।
बस एक प्यार की कहानी न जाने क्यूँ,
तुझे बताने से डरता हूँ।
तुझे हर लफ्ज़ मे आह सुनाई देगी,
तुझे हर लफ्ज़ मे चाह सुनाई देगी।
फिर भी न जाने क्यूँ,
तुझे अपनी दास्ताँ सुनाने से डरता हूँ।
तुझे हर लम्हा सोचा है मैंने,
तुझे हर लम्हा चाहा है मैंने।
बस इतनी सी बात है न जाने क्यूँ,
तुझे समझाने से डरता हूँ।
बहुत सारे अनकहे किस्से हैं इस कहानी मे,
उन्हें उजागर करने से डरता हूँ।
दिल मे प्यार तो बहुत है ना जाने क्यूँ,
तुझे जताने से डरता हूँ।