अनाथों का प्यार vishal srivastava
अनाथों का प्यार
vishal srivastavaजिंदगी के लिए कुछ उलझा सा प्यार,
नन्हीं सी जान के लिए एक दर्द सा प्यार,
अपनों से कहीं दूर एक संघर्ष सा प्यार,
कुछ ऐसी परिस्थितियों से घिरा,
उन निर्दोष अनाथों का प्यार।
माँ की ममता से कहीं ओझल सा प्यार,
पिता की गोद से कहीं दूर,
उन तृप्तिमय आँखों में पनपती,
अकल्पनीय आशा सा प्यार,
कुछ ऐसी नन्हीं उम्मीदों से जिंदा,
उन निर्दोष अनाथों का प्यार।
उन डबडबाती आँखों में,
एक प्रश्न सा जिंदा वो प्यार,
क्या कोई साथ देगा?
क्या इस अंधकार का कोई प्रकाश होगा,
इस प्रश्न, इस चिंता में,
उफनती उस ज्वलनशील ज्वाला सा प्यार।
भविष्य जिंदगी में चिर अँधेरा,
उस अँधेरे में खिलखिलाता सा प्यार,
बेफिक्र इन चिंताओं से,
अनाथालय में पलता वो नन्हा सा प्यार,
कुछ ऐसा बनकर रह जाता,
उन निर्दोष अनाथों का प्यार,
उन निर्दोष अनाथों का प्यार।