भारत स्वाभिमान लौटना है SATISH KUMAR AGARWAL
भारत स्वाभिमान लौटना है
SATISH KUMAR AGARWALउठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब कर्म-योग को जाना है,
फिर आगे बढ़ कर हम सबको,
भारत को आज बढ़ाना है।
उठ जाग....
इस योग के द्वारा ही फिर अब,
भारत स्वाभिमान लौटाना है,
आओ हम सब फिर मिल जाएँ,
भारत को स्वर्ग बनाना है।
उठ जाग....
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब पुन्य कर्म को जाना है,
सोया है भारत देश अभी,
उसे अभी से आज जगाना है।
उठ जाग....
जब सौ करोड़ से ज्यादा हम,
राम, अल्लाह, नानक, ईसा यहाँ,
तब कौन हमें अब रोक सके,
भारत का मान बढ़ाना है।
उठ जाग....
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अपने कामों पे जाना है,
फिर कोई भी मुश्किल आए,
हमको ही दूर भगाना है।
उठ जाग....
हम में ही कोई गांधी है,
हम में ही झांसी रानी है,
हम में ही सुभाष बोस भी हैं,
हम में ही भगत सिंह भी हैं।
उठ जाग....
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब कर्म योग को जाना है,
भारत स्वाभिमान लौटाना है,
भारत को स्वर्ग बनाना है।
उठ जाग....
सोया है भारत देश अभी,
उसे अभी से आज जगाना है,
अब यह ही वचन निभाना है,
अब आगे बढ़ते जाना है।
उठ जाग....
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब कर्म योग को जाना है,
फिर आगे बढ़ कर हम सबको,
भारत को आज बढ़ाना है।
उठ जाग....
जो भी करो अच्छा ही करो,
अब यह ही वचन निभाना है,
जो बीत गया सो पीछे है,
अब आगे बढ़ते जाना है।
उठ जाग....
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब कर्म योग को जाना है,
फिर आगे बढ़ कर हम सबको,
भारत को आज बढ़ाना है।
उठ जाग....उठ जाग......उठ जाग।