ईश्वर के नाम पत्र  मुस्कान चाँदनी

ईश्वर के नाम पत्र

मुस्कान चाँदनी

मैंने एक खत लिखा है
ईश्वर ने नाम,
माँगी है उनसे
मैंने अपनी मौत की सौगात।
कहा भी है ईश्वर से
ठुकराना कभी ना इसे तुम
दे देना मुझे उपहार
मौत के रूप में,
अब तक जो दिया तूने
काफी नहीं है जिंदगी में
जीने के लिए।
कदम-कदम पर ठोकर
खाई है मैंने,
कितनी रूसवा हुई हूँ मैं
तेरी बनायी गयी कायनात से,
फिर भी तुझसे
कोई शिकवा न किया,
जीती रही जैसे तैसे।
अब बर्दाश्त नहीं होता मुझसे,
मिट जाने दे मुझे खाक में,
ले जा जल्द इस नरक से।
कर मुझ पर उपकार,
तेरे खत का इंतज़ार करूँगी मैं,
जल्दी लिखना तू इसका जवाब।
किस रूप में ले जाएगा मुझे
करनी है तैयारी इसके लिए,
कुछ समय भी देना मुझे
अपनों से मिलने के लिए।
बंद करती हूँ अपनी कलम,
राह देखूँगी तेरे आने की
हर रोज मैं।

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