ऐसा भी नहीं Kumar Sonal
ऐसा भी नहीं
Kumar Sonalऐसा नहीं, कि मेरा दिल फिसलता ही नहीं,
पर ऐसा भी नहीं कि ये संभलता ही नहीं।
ज़िद तो जमाने भर से भी ज्यादा करता है ये,
पर ऐसा भी नहीं कि ये बहलता ही नहीं।
भले शांत और सुलझा हुआ नजर आता हूँ मैं,
पर ऐसा भी नहीं कि जी मचलता ही नहीं।
बेशक बर्फ सी ठंडक दिखती है मेरी आँखों में,
पर ऐसा भी नहीं कि वो पिघलता ही नहीं।
अभी है गर्दिश में हमारे सितारे, ये माना,
पर ऐसा भी नहीं कि वक्त बदलता ही नहीं।