उसके ख्वाबों से अनजान मैं  Krishn Upadhyay

उसके ख्वाबों से अनजान मैं

Krishn Upadhyay

जिसके आगे हमने किसी और को पहचाना ही नहीं,
आज पता चला कि उसने कभी मुझे अपना माना ही नहीं।
ना जाने क्या ख्वाब उनके मन में पलने लगा,
मेरा हद से ज़्यादा सच्चा होना भी इस दुनिया को खलने लगा।
उसे मुझमें कोई अपना दिखता शायद मुझमें अभी कोई एसी बात नहीं,
उनकी नज़रों में अपना विश्वास चाहा तो लगा कि अभी मेरी इतनी औकात नहीं।
आज अकेले बैठ कर दिल से ये एहसास किया,
बहुत बड़ी गलती की जो बीना सोचे समझे किसी पर इतना विश्वास किया।

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