मुझे अब तुमसे प्यार नहीं Atul Mani Tripathi
मुझे अब तुमसे प्यार नहीं
Atul Mani Tripathiतुम्हें शायद ये एतबार नहीं है,
पर मुझे अब तुमसे प्यार नहीं है।
यूँ तो कई बार मना किया इस बात से,
पर रूसवाई से तेरी अब इंकार नहीं है।
क्यों बेवजह सी वजह दे दी ज़िन्दगी को,
जब साथ चलने से कोई सरोकार नहीं है।
आख़िरी नहीं होगी तुम इसका यक़ीन है,
पर मोहब्बत यूँ बेपनाह अब हर बार नहीं है।
क्या पता रास्ते कुछ आगे चल के फिर एक हो जाएँ,
पर ऐसी मंज़िल का अब मुझे इंतज़ार नहीं है।
तुमसे मेरा कोई शिक़वा-ए-क़ारोबार नहीं है,
बस मुझे अब तुमसे प्यार नहीं है।