यही सिखाया गया है अदिति शर्मा
यही सिखाया गया है
अदिति शर्माखुलकर हँस नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
धीरे से हँसना
यही सिखाया गया है।
गम में रो नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
रोना बुरी बात है
यही सिखाया गया है।
गुस्सा आता तो है पर
मुझे माफ़ करना,
गुस्सा अच्छा नहीं होता
यही सिखाया गया है।
हाल-ए-दिल कह नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
शिकायतें करना गलत है
यही सिखाया गया है।
जो चाहूँ लिख नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
कुछ महसूस नहीं करना
यही सिखाया गया है।
पसंद कोई रख नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
दुनिया को पसंद नहीं ये सब
यही सिखाया गया है।
जवाब दे नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
चुप रहना है मुझको
यही सिखाया गया है।
मैं जी नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
आवारा होते हैं वो लोग
यही सिखाया गया है।
मर भी नहीं सकती
मुझे माफ़ करना,
मरना कायरों का काम है
यही सिखाया गया है।
जो ज़ेहन में था मेरे, लिख नहीं पाई
मुझे माफ़ करना,
बस अच्छा ही लिखना है
यही सिखाया गया है।
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हम इंसान हैं, हम एहसास रखते हैं, हमें हक़ है पूरा उन्हें महसूस करने का। हर कोई हर वक़्त हँसता मुस्कुराता नहीं रह सकता। खुशी और गम दोनों इस ज़िन्दगी का हिस्सा हैं। खुश होने के लिए कोई वजह छोटी नहीं होती ऐसा लोग कहते हैं, तो किसने कहा है कि दुखी होने के लिए कोई बड़ी वजह की ही ज़रूरत है। हर चीज़ को तोलना, मापना इंसानो की फितरत बन चुकी है। बस इन्हीं ख्यालों के साथ ये कविता लिखी मैंने।