मेरी किस्मत JASPAL SINGH
मेरी किस्मत
JASPAL SINGHक्या कहूँ उनसे मुलाकातें वो लम्हा-लम्हा,
किस कदर जीने का सबसे बड़ा आधार हुई,
मेरी नज़रों की उनकी नज़रों से नज़रें जो मिली,
उनकी नज़रें मेरी नज़रों से दिल के पार हुईं।
उनके होंठों की मेरे होंठों से बातें जो हुई,
मेरी आवाज़ उनकी आवाज सी फनकार हुई,
उनकी साँसों की मेरी हर साँस में साँसें जो घुलीं,
मेरी साँसें उनकी साँसों की कर्जदार हुईं।
उनका हर कदम मेरे कदमों से हमकदम हुआ,
उनकी राहें मेरी राहों की राहगुजार हुईं,
उनकी चाहत की मेरी चाहत को चाहत जो मिली,
मेरी चाहत चाहने वालों में शुमार हुई।
उनके खुश दिल की खुशी मेरे गमें दिल को मिली,
मेरी जां उनके दिल-ओ-जां पे जांनिसार हुई,
उनकी किस्मत मेरी किस्मत बने किस्मत में कहाँ,
मेरी किस्मत अपनी किस्मत पे अश्क-जार हुई।