अटल शक्ति को मेरा नमन  Vandana Namdev Verma

अटल शक्ति को मेरा नमन

Vandana Namdev Verma

हिन्दुस्तान की अटल शक्ति को है मेरा नमन,
एक फूल नहीं, थे वो फूलों का चमन।
 

अजर-अमर-सरल थे वो निडर,
मुश्किलों से भरी उनकी हर डगर।
 

"हार नहीं मानेगें" यही था उनका नारा,
"दुश्मनों के दिल जीतो" संदेश यही प्यारा।
 

असीम स्मृतियाँ उमड़ रहीं आज मानस पटल पे,
गीत-गान बोल-चाल, शब्द उनके अटल थे।
 

एक रूप में वो शख्सियत अनेक थे,
व्यक्तित्व के धनी हर रूप में थे।
 

संवेदनाओं से परिपूर्ण शब्दों से ओत-प्रोत,
कविताओं में छलकता उनके जीवन का निचोड़।
 

राजनेता, राष्ट्रनेता, सृजनात्मकता के प्रतीक,
भाव-भंगिमा उनकी अनोखी, मानवता में प्रतीत।
 

सम्पूर्ण जीवन को जिएँ, जिन्दादिली के साथ,
मस्तियों से थे भरे, थामें सबके हाथ।
 

ले चले अन्तिम विदाई, छोड़ भारत को चले,
दे गए अनमोल शब्द, "आऊँगा" वादा कर गए।
 

देश के हर शख्स की साँस आज थम गई,
दे उन्हें अन्तिम विदाई हर आँख नम हुई।
 

त्याग, बलिदान, उनका योगदान नहीं भूलेंगें,
वो अटल थे, अटल हैं और अटल ही रहेंगे।

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