चुनाव Nitin Sharma
चुनाव
Nitin Sharmaये क्या? ख़जूर के पेड़ में झुकाव आ गया,
जनाब! लगता है शहर में चुनाव आ गया।
गरीब की थाली में भी आज पुलाव आ गया,
खारे पानी की जगह शर्बत का बहाव आ गया,
साहब! लगता है शहर में चुनाव आ गया।
एक अरसे बाद नेताओं को तनाव आ गया,
सियासी दलों को जनता से लगाव आ गया,
जनाब! लगता है शहर में चुनाव आ गया।
फिर एक बार लोगों में मन मुटाव आ गया,
आपस में ही नफ़रत का रिसाव आ गया,
साहब! लगता है शहर में चुनाव आ गया।