एक हिन्दुस्तानी Ashutosh kumar jha
एक हिन्दुस्तानी
Ashutosh kumar jhaमैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ,
मैं सबकी आवाज हूँ,
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम
की सरहद नहीं,
मैं कण-कण की पहचान हूँ,
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।
है इतिहास निराला अपना
जो कभी न मिटने वाला,
क्षेत्रवाद की बेड़ियो में
मैं न जकड़ने वाला,
राष्ट्र का प्रतीक हूँ,
कहानियों कविताओं से
सबका मुरीद हूँ,
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।
मैं ही संस्कार हूँ
मैं सभ्यता की पहचान हूँ,
लाख कोशिश की है
भुलाने की मुझको,
फिर भी अपने स्थान पर
विराजमान हूँ,
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दूस्तान हूँ।
कोई जाति मजहब नहीं,
राष्ट्र के मस्तक पर
राष्ट्रभाषा की चमक बिखेर रहा,
भटके हुए मुसाफिरों को
कहानी उपदेशों से
राह दिखाता हूँ,
संभल कर शूरवीरो में
नाम दर्ज कर जाता हूँ,
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।
कितने आए और चले गए,
सब मुझ पर आँख तरेर गए,
सहनशक्ति की खान
हिन्दुस्तान की शान
फिर भी न मुझको अभिमान है,
मैं हिन्द की पहचान हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।
एक बार जो मुझको भाता
मैं उससे लिपट जाता,
मुझमें डूबकर वो
मेरा हो जाता,
ना अचम्भा ना निकम्मा
सबके लिए मै बना रहूँगा खंभा,
मैं विरासत की धरोहर हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।