शब्द  Ashutosh kumar jha

शब्द

Ashutosh kumar jha

शब्द बड़े अनमोल हैं
रखिए इन्हें संभाल।
मन को तनिक न ठेस लगे
बिना पंख उड़ जाए।
 

पन्नों में शब्द चुनकर उतारिए,
वो अनमोल मोती बन जाए।
 

समझने का भाव राखिए
हकीकत से परिचय होय,
चंद लफ़्ज़ों में ही
मन का दर्पण खोल।
 

शब्दों की ताकत पहचानिए
धार कभी कम न होय,
मुद्दों की बारीकियों से
युद्ध निरंतर होय।
 

ज्ञान का कलम-कागज
अगर खुराक होय,
जीवन बढ़ता जाय
अहंकार कभी ना होय।
 

ज्ञान के प्रकाश में
जन-जन संवर जाए,
शब्दों की सरिता में
जीवन बहता जाए।
 

आजू-बाजू क्या है
पता ना होय,
रंगीनियों को छोड़कर जो
पन्नों और शब्दों में खोय।

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