तेरा नाम कहाऊँ मैं Anjali Bhardwaj
तेरा नाम कहाऊँ मैं
Anjali Bhardwajनहीं जानती कैसे तेरी महिमा गाऊँ मैं,
तेरे रंग में रंग जाऊँ
तेरा नाम कहाऊँ मैं।
तू अविनाशी, घट-घट वासी
मैं अनित्य हूँ विनाशी,
फिर भी इतना चाहूँ मैं,
तेरे रंग में रंग जाऊँ
तेरा नाम कहाऊँ मैं।
तू क्षमाशील, तू दयावान,
मैं कृतज्ञहीन, मैं तुच्छ मलिन,
कैसे तेरी महिमा गाऊँ मैं,
फिर भी इतना चाहूँ मैं,
तेरे रंग में रंग जाऊँ
तेरा नाम कहाऊँ मैं।
हे त्रिलोकी! हे दीनानाथ!
तू रखना मेरी इतनी आस,
जब भी धरा पर जन्म मिले
तेरी ही पुत्री कहलाऊँ मैं।
जो दर्श दिया, मन वंश किया,
प्रेम पाश सब काट दिया,
तेरी ही इच्छा से प्रभु
ये रिश्ते सब निभाऊँ मैं,
अंत: काल में, हे प्रभु !
पुनः दर्श तेरा ही चाहूँ मैं।
तुने मुझको जो काज दिया
उस काज को शीघ्र ही पूर्ण करूँ,
फिर तुझमें ही रम जाऊँ मैं
तेरा नाम कहाऊँ मैं।
कुछ थी मलिन, कुछ हुई मलिन,
अब पूर्णतः शुद्ध हो जाऊँ मैं,
पुनः तेरा दर्श ही पाऊँ मैं
प्रभु!
तेरे रंग में रंग जाऊँ
तेरा नाम कहाऊँ मैं।