समझौता Vandana Namdev Verma
समझौता
Vandana Namdev Vermaये जीवन इक पहेली है,
सुख-दुःख की सहेली है,
यहाँ करना है समझौता,
ये पग-पग में अकेली है।
हारना भी है जीवन में,
जीतना भी है जीवन में,
यहाँ करना है समझौता,
कि चलना भी है जीवन में।
यहाँ हँसना है, रोना है,
रूठना है, मनाना है,
यहाँ करना है समझौता,
टूट कर फिर सम्भलना है।
यहाँ पग-पग में काँटे हैं,
जगे कितनी ही रातें हैं,
यहाँ करना है समझौता
कि खुशियाँ भी बाँटे हैं।
धूल में मिलना है इक दिन,
फूल-सा खिलना है इक दिन,
यहाँ करना है समझौता,
कि आगे बढ़ना है तुम बिन।