दोस्त NIKITA SINGH
दोस्त
NIKITA SINGHदोस्त वो नहीं जो गलत राह दिखाए,
दोस्त तो वो जो हाथ पकड़ कर सही राह पे ले जाए।
दोस्त वो नहीं जो हमारी गलती छिपाए,
दोस्त तो वो जो हमारी गलती पर हमें खूब डाँट लगाए।
दोस्त वो नहीं जो आधे रास्ते पे छोड़ जाए,
दोस्त तो वो जो राह को भी दोस्ती की तरफ मोड़ जाए।
दोस्त तो वो है जो यार के दर्द को भी अपना समझे,
दोस्त तो वो जो सबसे पहले उसके दर्द पर खुद की आँखें भर ले।
अरे दोस्ती तो वो है जो पराया होकर भी अपनी सी लगे,
दोस्ती तो वो जो खून के रिश्ते सी गाढी लगे।