मेरे गुरुवर आप कहाँ हो  SHIV VIBHUTI NARAYAN

मेरे गुरुवर आप कहाँ हो

SHIV VIBHUTI NARAYAN

मेरे गुरुवर आप कहाँ हो
कहाँ है वास तुम्हारा,
हम हो गए अकेला
राह में बिन आपके।
 

मेरी आँख है तरसती
दरस करन चाहे आपके,
दरसन दे दो मेरे गुरुवर
यही कामना है आपसे।
 

जन्म सफल हो जाते उनके
शरण जो आते आपके,
मेरी भी विनती सुन गुरुवर
शरण में ले लो आप हमें।
 

एक बार मुझे बेटा कहकर
गले से आप लगा लेना,
मेरे सर पे हाथ रख गुरुवर
अपनी छाँव तले रख लेना।
 

कभी न राह मैं भूलने पाऊँ
ऐसी राह दिखा देना,
कभी न नीचे गिरने पाऊँ
ऐसी पकड़ बना देना।

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