दोस्ती क्या है JASPAL SINGH
दोस्ती क्या है
JASPAL SINGHकभी जब वक्त पूछेगा मुझे कि दोस्ती क्या है,
कहूँगा कुछ नहीं सूरज सी रौशनी का दीया है।
एक अहसास है जो पलक झपकना भी भुला दे,
एक अलफ़ाज़ है जो आँख से आँखों ने सुना है।
कभी तो धूप में जलते लगे एक पेड़ की छाया,
कभी दूरी पे नज़र आ रही मंजिल की दिशा है।
किसी का बिन सुने खामोश हो जाना है दोस्ती,
किसी का बिन कहे कह जाना दोस्ती की ज़ुबाँ है।
फख्त इतना समझ लो दिल अगर दिमाग पे भारी
होने लग जाए, तो फिर दोस्ती का अपना मज़ा है।