ख्वाहिश  Neeraj Kumar

ख्वाहिश

Neeraj Kumar

मेरी ख्वाहिश तुमसे रूबरू होने की है,
मेरी ख्वाहिश तुमसे गुफ्तगू करने की है,
मेरी ख्वाहिश हरपल तुम्हें चाहने की है,
​​​​​​मेरी ख्वाहिश हर जन्म तुम्हें पाने की है।
 

मेरी ख्वाहिशों के अर्श पर तेरा मकाँ हो,
मेरी ख्वाहिश कि उस मकाँ पर लिखा तेरा नाम हो,
मेरी ख्वाहिश तेरे नाम को पुकारती मेरी ही ज़ुबाँ हो,
मेरी ख्वाहिश उस मकाँ में हम दो और हमारा छोटा सा जहाँ हो।
 

मेरी ख्वाहिश चेहरे पर तेरे हर पल मुस्कान हो,
मेरी ख्वाहिश हर दुख हर तकलीफ तुझसे अनजान हो,
मेरी ख्वाहिश मेरी सारी खुशियाँ तेरे दिल की मेहमान हो,
और मेरी ख्वाहिश मोहब्बत के किस्सों में कहीं हमारा भी नाम हो।

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