माँ तेरी परछाई  Anjali Anjali Yadav

माँ तेरी परछाई

Anjali Anjali Yadav

तू दर्पण, तुझपे मैं अर्पण
हर साँस में तेरी समायी हूँ,
तू ही मेरे जीवन की मालिक,
माँ मैं तेरी परछाई हूँ।
 

जब मैं मुस्काती तब तू मुस्काती,
तेरे मन से मैं जुड़ी हूँ,
राहों पर तेरी मैं चलना चाहूँ,
माँ मैं तेरी परछाई हूँ।
 

हर दिन ममताई स्पर्श को
महसूस मैं कर लेती हूँ,
याद है वो गोदी का पालना,
याद है वो नरम बिछौना,
अब सभी यादों को समेटती हूँ,
माँ मैं तेरी परछाई हूँ।
 

मै पंछी तेरे अरमानों की,
जब तू कहती उड़ जा
तब मैं उड़ जाती हूँ,
पीछे मुड़कर देखा करती हूँ,
क्योकि माँ मैं तेरी परछाई हूँ।
 

मैं भी जानू, तू भी जाने,
जान से भी प्यारी हूँ तेरे,
लेकिन दस्तूरों की दुनिया न माने,
तो लेने को तैयार बिदाई हूँ,
हँस कर दे दो या दे दो रोकर,
क्योकि ….माँ मैं तेरी परछाई हूँ।

अपने विचार साझा करें




1
ने पसंद किया
1880
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com