ज़िंदा है CHETAN MANSUKHLAL GONDALIA
ज़िंदा है
CHETAN MANSUKHLAL GONDALIAसफर अनंत, छोड़ ग़म, छालों से क्यों शर्मिंदा है?
बजा ढोल, तू कर मस्ती जिसके लिए चुनिंदा है।
रंजो-फ़िक्र, दुःख-चिंता, जान! ये सब यम-कारिंदा है,
मस्ती धन-दौलत- सब-कुछ, मस्ती सुख-परिंदा है।
मरहम मस्ती, गर मन तनाव-तीर से बिंधा है,
शिव-अल्लाह-गॉड ये सबकी ही पसंदीदा है।
क्योंकि,
जिसकी मस्ती ज़िंदा है, उसकी हस्ती ज़िंदा है।