जीवन साथी  Abhisek Kumar Agrawal

जीवन साथी

Abhisek Kumar Agrawal

मेरी अनकही अमानत, मेरी इकलौती इबादत,
मेरी ज़रूरत, तू ही तो है मेरी ज़िंदगी,
ज़ख़्मों का मरहम, मेरा नादान बचपन,
मेरी हँसी, तू ही तो है मेरी अमादगी।
 

मेरी पहली उम्मीद, मेरा आख़िरी क़दम,
मेरी परछाईं, तू ही तो है मेरी बारिश,
हर सवाल का जवाब, मेरा हर ख़्वाब,
मेरी नींद, तू ही तो है मेरी ख़्वाहिश।
 

तू ही तो है जिसके लिए
मैं बेजान भी अब साँसे लेता हूँ,
रुखी ज़िंदगी की ज़मीन में
तेरे ही तो वक़्त के बीज बोता हूँ।
 

तू ही तो है जिसके लिए
दुनिया में अपनी बात रखता हूँ,
बेग़ैरत दुनिया की बारात में
ख़ुशियों की सौग़ात रखता हूँ।
 

इन बेज़ार चार दीवारों को
तू ही तो है जो घर बनाती है,
तू ही तो है मेरा आज, आने वाला कल,
तू ही तो मेरी जीवन साथी है।

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