जुदाई का आभास Shilpa Agarwal
जुदाई का आभास
Shilpa Agarwalएक स्वप्न ने आज
मन को झकझोर दिया,
तुझसे दूरी के एहसास ने
माँ मुझको तोड़ दिया।
होकर तुझसे जुदा
क्या पाऊँगी सारी खुशियाँ वहाँ,
बन्ध जाऊँगी नए रिश्तो में
खोकर तुझसे पहचान यहाँ।
पली तेरे आंचल में
बनकर मैं परी,
'लाडो लाडो ' कहते
तेरी जिह्वा नहीं भरी।
छोड़ जाऊँगी जिस दिन
आंगन यह तेरा,
बह जाएगा अश्रुधारा में
तन-मन ये मेरा।
याद आएगी जब भी तू
थम जाएगी मुस्कान मेरी,
निभा दूंगी सारे रिश्ते यूँ
उतरूँगी मैं खरी।