मेरा पहला प्यार Sanchit Sharma
मेरा पहला प्यार
Sanchit Sharmaएक अजीब सी पहेली थी,
दिल के करीब मेरी एक सहेली थी।
दोस्ती से कब दिल-लगी हुई इस असमंजस में फसा हूँ,
अपने दिल टूटने की आवाज़ पर मैं कई बार हँसा हूँ।
अब बात कुछ ऐसी है उसको कोई और पसंद है,
सब कुछ जान कर भी मोहब्बत में मेरी आँखें बंद हैं।
सोचता खूब हूँ उसके बारे में,
अखिर हमेशा साथ देने का वादा जो किया है,
अपने से बढ़ कर मैंने उसे अपनापन दिया है।
मेरे दुख का शोर सिर्फ मेरे मन में गूँजता है,
आज भी चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है
जब कोई उसके बारे में पूछता है।
सोचा कितनी बार उसको अपने दिल से दूर हटाना है,
सच ये है कि मोहब्बत आज भी है,
ये सब तो सिर्फ एक बहाना है।
मैं आज इन पंक्तियों से अपने इश्क़ का इज़्हार करता हूँ,
काश तुमसे भी कह पाता कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।