नेकी Mahavir Singh Thakur
नेकी
Mahavir Singh Thakurमत सोच किसी को राह से हटाने की,
भटक गया हो कोई
क्षमता रख राह बताने की,
नेकी तेरी तुझे भवसागर पार कराएगी
यही नीति का नियम है बावरे
बदी कब साथ आएगी।
दुख दर्द में जो आएगा औरों के काम,
धन्य है ऐसा मानव
बसे उसी में चारों धाम।
रास्ते से हटाना ही है किसी को तो
किसी दुखियारी के दुख हटा के देख,
आत्म खुशी से भर जाएगी
दुआ मिले अनेक।
नहीं करेगा मूल्य तेरा कोई
तेरी जाति धर्म से,
मूल्य होगा तेरा बावरे
तेरी अपने कर्मों से।
जो बोएगा वही पाएगा
आस न कर मन जोगे की,
पश्चाताप की पीड़ा भारी
अवस्था होत एक रोगी की।
प्रेम भाव हो मन में तेरे तो
सारा जग तेरा है,
बैर भाव सब त्याग बावरे
दुनिया रैन बसेरा है।
मूरत भले ही जाए तेरी
तेरी किरत को सब दोहराएँगे,
जहाँ में तेरा नाम होगा
विदा जब तू जहाँ से होगा
जहाँ के आँखों में आँसू और
आत्म संतोष का तेज तेरे मुख मंडल पर होगा।