मोहब्बत की ग़ज़ल Rajni Gupta
मोहब्बत की ग़ज़ल
Rajni Guptaएक बार मोहब्बत की ग़ज़ल हम भी सुनेंगे
एक बार मोहब्बत की गहराईयों में हम भी चलेंगे,
देखेंगे किसी की मोहब्बत में डूब कर हम भी
अपनी मोहब्बत का अफसाना हम भी लिखेंगे।
कहते हैं मोहब्बत तो दिल का कारोबार होती है
दिल के फैसलों की राज़दार होती है,
धड़कनों में हलचल बार-बार होती है
ऐसी मोहब्बत का कारोबार हम भी करेंगे,
एक बार मोहब्बत की ग़ज़ल हम भी सुनेंगे।
मुस्कुराहट होठों पर नहीं नज़रों से बिखरती है
बातों में बस एक चाहत सी झलकती है,
किसी की यादों में सारी रात गुज़रती है
किसी की यादों में रात गुज़ार कर हम भी देखेंगे,
एक बार मोहब्बत की ग़ज़ल हम भी सुनेंगे।
कभी आँखों में अदाएँ कभी बातों में अदाएँ
हवा के झोंकों में वो चिलमन की अदाएँ,
जीवन की राहों में किसी के हाथों में हाथ किसी का
किसी के हाथों में हाथ दे कर हम भी देखेंगे,
एक बार मोहब्बत की ग़ज़ल हम भी सुनेंगे।