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हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है, जो की हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है। मृत्यु ही ज़िन्दगी का अंतिम सत्य है , हम हमेशा ज़्यादा जीना चाहेंगे लेकिन अदृस्य शक्ति जो हमारे ऊपर है उसको शायद ये मंजूर नहीं | आपकी क्षमता इतनी है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि आप पर्याप्त बौद्धिक, आध्यात्मिक हों और अपने आप पर नियंत्रण रखें ताकि आप लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में केंद्रित कर सकें।