कुछ वक़्त दिया कीजिए  HARI KISHOR TIWARI

कुछ वक़्त दिया कीजिए

HARI KISHOR TIWARI

जिम्मेदारियों के बोझ के तले दबी जिंदगी को
फुर्सत नहीं जनाब, फिर भी साँस लिया कीजिए !
वक़्त मिले या न मिले, वे वक़्त होकर भी जनाब
चाहने वाले अपनों से कभी-कभी मिला कीजिए !!
 

एक ख़ूबसूरत जिंदगी की तमन्ना दिल में लिए
जिंदगी को ही बोझ बनाकर न ढोया कीजिए ,
लाख मुसीबतों को दिल में दबाए हो जनाब
वक़्त बेवक्त ही सही, हो सके तो मुस्कुराया कीजिए !!
 

ज़माने के हर दर्द की दवा है हँसना और हँसाना
अपने सीने में दफ़न जख्म को हँस कर बहाया कीजिए,
जख्म खाकर माना कि दिल को अब तक दुखाया है
अब तो जज़्बातों को लबों तक लाया कीजिए।
 

मरहूम ज़िन्दगी बेचारी, न जाने क्या बिगाड़ी
पल-पल के लिए उसको तरसाया न कीजिए,
कभी छूकर देखो "तिवारी" अपनी ज़िन्दगी को
ये ज़िन्दगी तुम्हारी है इसलिए सताया न कीजिए।
 

कोई दौलत की दौड़ में, कोई शौहरत की दौड़ में, बड़ा मशगूल हो रहा है,
और मासूम बचपन, पढ़ाई की होड़ में आज अपना बचपन खो रहा है,
जिनके लिए मशगूल हम, मुसीबतों में जी कर अपनों से कोसों दूर हम,
उन रिश्तों की खातिर जनाब, अपना कुछ कीमती वक़्त ही उन्हें दिया कीजिए !!
 

वर्तमान ख़ुशियों की लाशों पर, भविष्य के सपने संजो रहा है,
ख़ूबसूरत ज़िन्दगी को बोझ बनाकर हर इंसां ढो रहा है,
ज़िन्दगी बहुत खुबसूरत है शिद्दत से महसूस कीजिए,
महत्वाकांक्षा भी पालिए स्पर्धा भी किया कीजिए,
पर कभी-कभी अपने लिये, कभी अपनों के लिए भी,
कुछ वक्त दिया कीजिए।

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