युगमंच कहानी संग्रह
युगमंच रचनाकारों का कहानी संकलन
वहशी कौन?
दरअसल आदमी से ज्यादा बेहतर, संवेदनशील और तरक्कीपसंद होने के साथ-साथ घटिया, कोई दूसरा प्राणी इस पृथ्वी पर है ही नहीं। अपने आपको ईश्वर की श्रेष्ठ कृति बताने वाला यह प्राणी अपनी घटिया हरकतों को पाश्विक या जानवरों जैसा व्यवहार करने में बिलकुल भी संकोच नहीं करता।
कहानी पढ़ेंअच्छा या बुरा
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोरोना ने मानव जीवन को अस्त व्यस्त करके रख दिया है। कोरोना ने मानव सभ्यता में एक ऐतिहासिक बदलाव कर डाला है, बहुत कुछ बुरा हुआ है। लेकिन मैं समझता हूँ कोरोना काल कुछ अच्छा परिवर्तन भी लेकर आया है। इसलिए मेरे लिए यह कहना कठिन है कि कोरोना काल अच्छा है या बुरा।
कहानी पढ़ेंआकाश बाबू
यह कहानी एक छोटे से गाँव के उस होनहार बालक के जीवन पर आधारित है जो बड़ी कठिनाई और परेशानी से पढ़ लिख कर के बड़े अभियंता के रूप में पदस्थापित हुआ, जिसने अपने गाँव के विकास और प्रगति के लिए जी-जान एक कर दिया और गाँव की भलाई के लिए खूब कम किया।
कहानी पढ़ेंनज़रिया
हमारी ज़िन्दगी में नज़रिया बहुत ज्यादा मायने रखता है। अगर हमारी सोच अक्सर सकारात्मक होती है तो हमारा नजरिया सकारात्मक होता है।
कहानी पढ़ेंशिक्षित बेटी सुरक्षित भविष्य
बेटी पढाओ भविष्य बनाओ। समाज को जागरूक करने के लिए माता पिता की सजगता व बेटी के अधिकार की पृष्ठभूमि में लिखी गई रचना जिसका कथानक सदा बेटियों को प्राथमिकता देने का उद्घोष किया करता है। बेटियों को सौंप कर तो देखिये जिम्मेदारी वो आपके भरोसे को कभी टूटने नही देंगी।
कहानी पढ़ेंहाय रे... प्याज़!
मौजूदा दौर की एक ऐसी शय की कहानी जो आँखों में पानी लाने के लिए काफ़ी है...
कहानी पढ़ेंहवाई अड्डा
वर्त्तमान समय में हर कोई अनदेखे भविष्य को सँवारने में लगा है, कोई वर्त्तमान का आनंद नहीं लेता है। ये कहानी भी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक अनदेखे भविष्य को सँवारने के लिए अपना सब कुछ छोड़ कर नए देश में जा रहा है। ये कहानी उसके मनोभावों को व्यक्त करती है।
कहानी पढ़ेंजीने की ताकत
मेरे अनुसार एक आदर्श जीवन ऐसा होना चाहिए जिसमें सुख हो, दुःख हो, शांति हो और चैन भी हो। दो वक्त की रोटी और सबसे बड़ी बात प्रेम और विश्वास भी हो।
कहानी पढ़ेंसमीर-सागर की होली
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से बताया गया है कि हमेशा एक दोस्त ही बुरे वक्त पर काम आता है।
कहानी पढ़ेंबेरोज़गारी
ट्रेन के उस बुजुर्ग की बातें समयहीन थी। उसकी विचारधाराएँ किसी एक समय या परिस्थिति में चरितार्थ नहीं थी। समय कुछ भी हो, पीढ़ी कुछ भी हो, स्थितियाँ कुछ भी हों पर सफलता का राज़ नहीं बदलने वाला। सफलता बेरोज़गारी की समस्या की मुहताज़ नहीं हो सकती। सफलता केवल आपकी मेहनत पर निर्भर करती है।
कहानी पढ़ेंबेटी - मेरा अभिमान
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से बेटी और बेटो में अंतर न करने और दोनों को समान समझने पर बल दिया गया है।
कहानी पढ़ेंडिजिटल इंडिया
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 'डिजिटल इंडिया' को समर्पित। यह कहानी पूर्णतः सत्य घटना पर आधारित है।
कहानी पढ़ेंराष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और कोट पैंट
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से गाँधी जी के व्यक्तिव व महानता के बारे में बताने का प्रयास किया गया है
कहानी पढ़ेंबेटियाँ त्याग करती हैं
एक दिन परेशान हो कर काजल ने अपनी माँ से पूछा - माँ, प्रिंस मुझसे छोटा है और वो शहर के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाता है, तो मैं क्यों नहीं जा सकती ? उसकी माँ ने कहा - प्रिंस लड़का है और तुम लड़की हो इसलिए।
कहानी पढ़ेंहौसले की उड़ान
सपना ने अपनी अंधेरी ज़िंदगी में किस तरह से उजाला किया और कैसे अपने जीवन में हो रही मुश्किलों से स्वयं को उबारा? हिम्मत और इच्छाशक्ति से अपने जीवन साथी को एक मंद बुद्धि से प्रख्यात चित्रकार बनाया, पढ़िए मेरी कहानी हौसले की उड़ान में। कुछ कर गुज़रने की चाहत और दृढ़ संकल्प से इंसान बड़ी से बड़ी मुसीबत के ऊपर भी जीत हासिल कर सकता है।
कहानी पढ़ेंअनिका एक पहेली
वह बोली क्या आप एक जान बचाना चाहेंगे, यहाँ एक एक्सीडेंट केस आया है और उसे खून की बेहद आवश्यकता है, आपका एक बोतल खून उसकी जान बचा सकता है। हमें ओ पॉजिटिव खून ही चाहिए।
कहानी पढ़ेंचुनाव
लालाराम के लिए ये चुनाव जीतना बहुत ज़रूरी था क्योंकि अगले वर्ष उनका नागरिक पार्टी की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का विचार था। सोसाइटी का चुनाव हारने से उनके प्रतिद्वंदियों को उनके खिलाफ मोर्चा खोलने का बहाना मिल जाएगा और उनको चुनाव टिकट प्राप्त करना मुश्किल होगा।
कहानी पढ़ेंइतनी अच्छी भी नहीं होनी चाहिए
इस संसार में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी बुरी आदतों को से कभी बाज़ नहीं आते, चाहे उनको कितना बड़ा सबक ही क्यों न मिल जाए, यह व्यंगात्मक कहानी ऐसे ही एक व्यक्ति पर आधारित है जिसके पीछे एक सीख भी छुपी हुई है।
कहानी पढ़ेंफुफकार
मनुष्य को सरल होना चाहिए परन्तु सरल दिखना नहीं चाहिए ताकि वह असामाजिक तत्वों से अपनी सुरक्षा कर सके, यह कहानी इसी सीख पर आधारित है।
कहानी पढ़ेंनिर्मम वट
यह कहानी मानव एवं प्रकृति से जुड़ी एक दर्द देने वाली सत्यता को दर्शाती है, जिस तरह मनुष्य अपने लाभ हेतु दूसरे जीवों का शोषण करते हैं उसी प्रकार प्रकृति भी ऐसा ही करती है।
कहानी पढ़ेंसब कुछ तो यहीं फेडना है
हर माँ को लगता है उसकी बेटी को सारे ऐशो आराम मिले परंतु बहु के लिए वह इस प्रकार नहीं सोचती। आज भी हमारे समाज में यह अंतर देखने को मिलता है।
कहानी पढ़ेंबेबसी
मनुष्य परिस्थितियों का दास होता है। हम बचपन से ही यह सुनते आए हैं। सही बात है, समय से अधिक बलवान कुछ नहीं। वही हमें आज राजा बनाता है वही कल रंक बना देगा। इन आज-कल के पहियों पर चलता हुआ समय कभी-कभी हमें अप्रत्याशित रुप से परेशानी में डाल देता है और हम सभी प्रयासों के बावजूद भी अभिलषित लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाते और समय दुःख और दुर्भाग्य के हाथों हमारी परीक्षा लेता है। इसीलिये इसके विषम होने पर भी सम रहें, सच्चाई और इमानदारी के मार्ग से कभी विचलित न हों।
कहानी पढ़ेंप्यार भी नफरत पैदा करता है
प्यार कोई मज़हब या धर्म देख कर नहीं करता, प्यार एक ऐसा एहसास है जो कभी भी किसी को किसी से भी हो सकता है। इसलिए प्यार में धर्म और मज़हब को लाकर नफरत नहीं फैलानी चाहिए।
कहानी पढ़ेंरिश्ते
माँ बाप के लिए बच्चों में इस प्रकार की तुलना करना घातक होता है, बच्चों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रशांत के दिमाग पर भी इसका गलत असर पड़ा और वह अधिक उदंडी हो गया। विवश होकर प्रभाकर को उसे शिमला के बोर्डिंग स्कूल में भर्ती कराना पड़ा। प्रशांत बहुत दुखी हुआ, रोया, चिल्लाया, पर प्रभाकर अपने फैसले पर अटल थे, वह प्रशांत के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे थे।
कहानी पढ़ेंएक ख़ामोश सुबह
यह कहानी एक व्यक्ति के मन की व्यथा बताती हुई प्रतीत होती है। जो बरसों से एक शहर में रह रहा है मगर हालातों के चलते उसे अपना घर छोड़कर किसी दूसरे शहर में जाना पड़ रहा है। जिस दिन वो घर छोड़कर जाने वाला होता है उस दिन उसकी मनोदशा क्या होती है, उस पल वो कैसे महसूस करता है उसके मन में विचारोंका समंदर किस तरह से हिलोरें मारता है। ये कहानी उस पल उसके मन की स्थिति को समझने का एक छोटा सा प्रयास करती प्रतीत होती है।
कहानी पढ़ेंदादू की सीख
देश के स्वच्छता अभियान को सार्थक परिभाषित करती हुई एक छोटी सी कहानी जो दादा और पोते के आपसी सामंजस्य और प्यार को बढ़ाती है और यह दर्शाती है कि बच्चों को किस तरह सादगी के साथ भी सीख दी जा सकती है। यह छोटी सी कहानी स्वच्छता का बड़ा सन्देश देश को दे रही है साथ ही सड़क पर चलते वक्त बहुत सी चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए इसकी भी सीख देती है।
कहानी पढ़ेंजाति क्यों नहीं जाती ?
हमारे समाज में जात-पात, छूत-अछूत जैसी कुरीतियाँ बहुत सारे खूबसूरत रिश्तों को तोड़ देती हैं। बहुत खूबसूरत रिश्ते को उपजने नहीं देती हैं। ये जात-पात का भेदभाव हमारे समाज को खोखला बना रहा है।
कहानी पढ़ेंविप्लव - एक पवित्र प्रेम कहानी
कहानी के माध्यम से बताने का प्रयत्न किया गया है कि प्रेम एक पवित्र रिश्ता है जो कभी खतम नहीं होता
कहानी पढ़ेंमुँह बोली बहन
इस कहानी के माध्यम से यह बताने का प्रयत्न किया गया है कि हम कैसे पराए को भी अपना बना सकते हैं
कहानी पढ़ेंवैश्यालय
ये कहानी उस जगह पर आकार लेती है जिस जगह का नाम सभ्य समाज में बड़ी ही बेरुखी से लिया जाता है। कोई इसे वैश्या बाज़ार कहता है तो कोई तवायफ खाना। लेकिन मैंने जान बूझकर इस कहानी को वैश्यालय कहा हैं क्योंकि हिंदी में आलय का मतलब होता है घर और घर वो जगह होती है जहाँ हम आज़ाद होते हैं और अपनी मनमानी कर सकते हैं, लेकिन वैश्याओं के घर में उन्हें अपनी मनमानी या आज़ाद तरीके से जीने का हक नहीं होता और न ही किसी से प्यार करने का। लेकिन इस कहानी में वैश्यालय में मोहब्बत पनपती है और इश्क़ का धुआँ उठता है। एक लड़का एक तवायफ के दिल में मोहब्बत का मल्हार छेड़ कर जाता है। मोहब्बत के इस राग को मैंने अपने तरीके से बयाँ करने की कोशिश की है, उम्मीद है आपको पसंद आएगी।
कहानी पढ़ेंसोच बदलेंगे देश बदलेगा
देश में छिपी कुरीतियों को हटाना और समाज से अलग कर दिए गए लोगों को जोड़ कर युवाओं की सोच की मदद से देश को प्रगति के रास्ते पे ले जाना इस कहानी का उद्देश्य है।
कहानी पढ़ेंमोची
प्रस्तुत कहानी "मोची" लेखक के साथ घटे वास्तविक प्रसंग का शाब्दिक रूपांतरण है। इस कहानी के माध्यम से लेेखक एक इंसान की सहनशक्ति व स्वाभिमान को प्रदर्शित करना चाहता है और साथ ही इस बात पर भी समाज का ध्यान ले जाना चाहता हैै कि हम प्रतिदिन ऐसे कई व्यक्ति देखते हैं जो कठिनतम परिस्थितियों में भी भीख नहीं माँगते और इस मोची की तरह अपने स्वाभिमान की अलख जगाए रखते हैं।
कहानी पढ़ेंप्रकृति से संघर्ष
कहानी में मनुष्य का प्रकृति से संघर्ष और सतत प्रयासरत रहने की इच्छा तथा जिजीविषा को दिखाया गया है
कहानी पढ़ेंवो शहर कहीं खो गया
नब्बे के दशक में जन्मे एक लड़के ने जिस शहर को देखा, जहाँ पला- बढ़ा, आज लगभग दो दशक बाद फिर से वापस उसी शहर को करीब से देख रहा है। जीवन के शुरूआती दौर में उसने जिस शहर में समय बिताया, वक़्त के साथ सामाजिक और नैतिक परिवर्तन ने उसके हृदय को मर्माहत कर दिया।
कहानी पढ़ेंमंगल बाई
संघर्ष की लगन ही व्यक्ति की लक्ष्य की ओर गति को थमने नहीं देती, आशा की किरण को टूटने नहीं देती, बल्कि उत्साह, उमंग को निरंतर बढ़ाती है और यही कारण है कि आज देश में अभावों के अंधेरों के बीच भी सफलता की रोशन राहें निकल रही हैं। जो यह भी बताती हैं कि सहूलियतों के बीच जीवन जीकर सफलता पाना और मुकाम बनाना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि जीवन की सही समझ के लिए अभावों के बीच जीवन जीना भी ज़रुरी है, तभी जीवन के सही मर्म व अंदाज़ का पता चलता है।
कहानी पढ़ेंपानी
व्यक्ति समस्यायों से घिरा रहता है एवं उनसे हारकर कुछ कुकृत्यों को विवशता में कर देता है। मगर बार-बार दोहराया जाना उसे अपराध की ही श्रेणी में खड़ा करता है।
कहानी पढ़ेंवारिस ... बेटी एक वरदान
प्रस्तुत कहानी बेटी के प्यार, त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा को चित्रित करने का प्रयास किया है
कहानी पढ़ेंधर्म
धर्म का इस्तेमाल यदि गलत मानसिकता से किया जाता है तो वो लोगों को बेसहारा कर देता है, जबकि धर्म का सही इस्तेमाल लोगों को सहारा देता है। अनेक लोगों के अनेक धर्म हो सकते हैं पर इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
कहानी पढ़ेंये कैसा प्यार?
इस कहानी के माध्यम से हमारे समाज में लड़कियों के प्रति हो रहे गलत व्यवहार को उजागर करने का प्रयत्न किया है
कहानी पढ़ेंपंखों की फड़फड़ाहट
बच्चों के विदेश जाने के बाद जीवन कितन नीरस और बेरंग हो जाता है, ना त्योहार अच्छे लगते हैं, ना बड़े घर और न पैसा खुशी देता है। बीमार होने पर केवल स्कायप पर उसे वर्चुअल देख सुन कर दिल भर आता है। शुभम तो कहता है कि अब वह वहीं बस जाएगा, वहीं की लड़की से शादी भी कर ली, हमें बुलाया था, बस कुछ सिग्नेचर हुए और विवाह संपन्न।
कहानी पढ़ेंदो ख़त
आधुनिक बनने और समाज को दिखाने के लिए आज का युवा वर्ग अपने माता-पिता के विचारों के साथ-साथ उनके सम्मान को भी ठेस पहुँचाने लगा है। यह कहानी दो दोस्तों के प्रेम और शर्मा जी के बेटे के इर्द-गिर्द घूमती है। शर्मा जी अपने पुत्र मोह को त्याग गए, कारण था अपने मित्र के प्रेम और वादे को न त्याग सके।
कहानी पढ़ेंमहत्वाकांक्षा
महत्वाकांक्षा अगर जीवन को सुखी बनाने हेतु की जाए तो अच्छी है और अगर उसे दूसरों से आगे बढ़ने का जरिया बना लिया जाए तो परिणाम बहुत ही भयानक सिद्ध होता है।
कहानी पढ़ेंवो बंद खिड़की
ये कहानी आज के समाज के लोगों के बदलते नज़रिये, बदलती सोच, महिलाओं के प्रति उनकी हैवानियत को उजागर करती है
कहानी पढ़ेंपूरब भैया
नेहा ने आकाश को समझाने की कोशिश की पर आकाश को कोई फर्क नहीं पड़ा। कोई बदलाव नहीं, कॉलेज के पहले दिन से आखिरी दिन तक बिलकुल वैसा ही। जब भी उसे कोई बात अच्छी नहीं लगती उसके ‘पूरब भैया’ बीच में आ जाते और सारा मजा किरकिरा हो जाता। हमने कई बार कोशिश की पूरब भैया से मिलने की पर आकाश...कोई न कोई बहाना बना देता।
कहानी पढ़ेंतत त्वम असि
जीवन अनुभव के लिए है। सत्य के अनुभव के लिए...दूसरे शब्दों में कहें तो स्वयं के अनुभव के लिए। जीवन में घटने वाली तमाम घटनाएँ किसी न किसी प्रकार से स्वयं का साक्षात्कार कराती हैं।
कहानी पढ़ेंजिजीविषा!
प्रमिला को देखकर कह पाना मुश्किल था कि उसके जीवन में इतनी बड़ी आँधी आई होगी, जिसके बावजूद उसके चेहरे की हँसी बरक़रार थी, ये बात अलग है कि मन का सूनापन और ज़िन्दगी की थकावट देर सबेर हँसी के छद्म आवरण को चीर कर बाहर निकल आती थी, लेकिन प्रमिला बड़े ही सधे हुए तरीके से वापस उस हँसी को अपने चेहरे पर स्थापित कर लेती थी।
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