एक अधूरी सी प्रेम कहानी Vibhav Saxena
एक अधूरी सी प्रेम कहानी
दो अच्छे सहपाठी रहे युवक-युवती की अधूरी प्रेम कहानी
रेणु और अविनाश दोनों एक ही कॉलेज में तो पढ़ते थे। अविनाश एक होनहार छात्र था जो हमेशा कॉलेज में टॉप करता था। रेणु उसकी जूनियर थी लेकिन पढ़ने में वह भी कम नहीं थी। अविनाश एक सामान्य परिवार का साधारण सा लड़का था जो देखने में भी साधारण ही था जबकि रेणु संपन्न परिवार से थी और दिखने में खूबसूरत भी। कॉलेज के कई लड़के रेणु के दीवाने थे मगर उसे तो अविनाश की सादगी ने मोहित कर रखा था। वैसे तो रेणु को केवल पढ़ाई की चिंता थी लेकिन इसी पढ़ाई के सिलसिले में मदद के लिए अविनाश से उसकी बातें और मुलाकातें लगातार बढ़ रही थीं। इन्हीं बातों और मुलाकातों ने रेणु के दिल में अविनाश के लिए जगह बना दी थी। अविनाश भी रेणु को पसंद करता था लेकिन उसे डर था कि रेणु उसे गलत न समझ ले।
वक़्त यूँ ही गुज़रता गया और पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान में प्रवेश ले लिया। दो साल बाद दोनों ही प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति प्राप्त कर चुके थे। इस बीच अविनाश का विवाह तय हो गया था और इस बात से अनजान रेणु अब अपने और अविनाश के रिश्ते को नया मोड़ देना चाहती थी। रेणु ने अविनाश को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया जिसे सुनकर अविनाश खुश था और रेणु के साथ जीवन बिताने को तैयार भी लेकिन जब रेणु को उसका विवाह तय होने की बात पता चली तो उसने अविनाश को उसी लड़की से शादी करने की कसम देते हुए ख़ुद से अलग कर दिया।
इस बात को आज पाँच साल बीत चुके हैं। रेणु और अविनाश आज अचानक फिर मिले हैं। उनकी पोस्टिंग एक ही जिले में हो गई है। अब रेणु की भी शादी हो चुकी है। आज जब दोनों एक दूसरे के सामने आए तो पुरानी यादें ताजा हो गईं। दोनों के बीच कुछ खास बात नहीं हुई लेकिन दोनों ही की नज़रों में एक जैसा दर्द दिखाई दे रहा था। शायद दोनों आज भी एक दूसरे के प्यार को भुला नहीं पाए हैं और एक दूसरे की कमी महसूस कर रहे हैं। दोनों ने ही एक साथ मिलकर एक ही राह पर चलने के सपने देखे थे लेकिन क़िस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनकी प्रेम कहानी पूरी न हो सकी। वक़्त ने रास्ते बदल दिए और अब इन्हीं रास्तों पर चलना रेणु और अविनाश की नियति है और शायद उनके प्रेम की कसौटी भी।