एकता के एहसास श्रीकान्त व्यास
एकता के एहसास
श्रीकान्त व्यासएक जंगल के अजब कहानी,
शेर राजां करै मनमानी।
रोजे नीलगाय पर दौड़ै,
मारना नै झपट्टा छोड़ै।
बंदर मामा पर खिसियावै,
बकरिया पर दाँत गड़ावै।
शेर के डर सें जंगल काँपै,
डरोॅ सें गीदड़ें आँख झाँपै।
भालू भांय मिटिंग बुलैलकै,
एक-सें-एक तरकीब सुझैलकै-
अन्याय के विरोध करोॅ भाय,
आपस में नै तहोॅ लड़ोॅ भाय।
एकता के एहसास करावोॅ,
शेर सें तोॅ छुटकारा पावोॅ।