नरोत्तमदास
नरोत्तमदास के जीवन के विषय में कुछ विशेष ज्ञात नहीं है । शिवसिंह 'सरोज' से पता चलता है कि ये बाडी नामक स्थान के रहने वाले कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। इनके ग्रंथों में एक 'सुदामा चरित ही उपलब्ध है, यद्यपि कहा जाता है कि इन्होंने 'ध्रुव' चरित तथा 'विचारमाला' ग्रंथ भी रचे थे। सुदामा चरित अत्यंत सरस, सरल, स्वाभाविक एवं भक्ति-भाव परिपूर्ण एक रोचक खंड-काव्य है। इसी ग्रंथ के बल पर नरोत्तमदास अक्षय कीर्ति के भागी हुए हैं।
कवि का कृतित्व इस प्रकार है । नरोत्तमदास ने ब्रजभाषा में काव्य रचना की है -
- सुदामा चरित, खण्ड काब्य (ब्रजभाषा में संपादित संकलन)
- ध्रुव-चरित’, 28 छंद ‘रसवती’ पत्रिका में 1968 अंक में प्रकाशित
- ‘नाम-संकीर्तन’, अब तक अप्राप्त, (प्रामाणिकता का अभाव)
- ‘विचारमाला’, अब तक अप्राप्त, (प्रामाणिकता का अभाव)
परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
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