कुछ छोटे सपनो के बदले कुमार विश्वास
कुछ छोटे सपनो के बदले
कुमार विश्वास | अद्भुत रस | आधुनिक कालकुछ छोटे सपनो के बदले,
बड़ी नींद का सौदा करने,
निकल पड़े हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !
वही प्यास के अनगढ़ मोती,
वही धूप की सुर्ख कहानी,
वही आंख में घुटकर मरती,
आंसू की खुद्दार जवानी,
हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जाने
हार जीत तय करती है वे, आज कौन से घर ठहरेंगे
निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !
कुछ पलकों में बंद चांदनी,
कुछ होठों में कैद तराने,
मंजिल के गुमनाम भरोसे,
सपनो के लाचार बहाने,
जिनकी ज़िद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे,
उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे
निकल पड़े हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे
अपने विचार साझा करें
परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
Frquently Used Links
Facebook Page
Contact Us
Registered Office
47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.
Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com