एक तुमको ही खबर नही है !

सारी दुनिया को मालूम है एक तुमको ही खबर नही है !
एक तुम्ही हो जिसके खातिर ख्वाब में आँखे नम होती है,
एक तुम्ही हो जिससे मिलकर खुद से दूरी कम होती है !
एक तुम्ही हो जिसके लिए खुद ही खुद से हारता है मन,
एक तुम्ही हो जिसको जीकर पागल मन को मारता है मन !
एक तुम्ही हो जिससे बढ़कर अब तो कोई काम नही है,
एक तुम्ही हो जिसको खोकर एक पल को आराम नही है !
एक तुम्ही हो जिससे जाने कितना कुछ मुझको कहना है,
एक तुम्ही से मुझे मिलना था, एक तुम्ही से जुदा रहना है ! भी
एक तुम्ही हो जिसको देख पलके खुद ही झुक जाती है,
एक तुम्ही हो जिसके आगे बाते लब पर रुक जाती है !
सब कुछ होना बेमानी है, एक तू ही अगर नही है,
सारी दुनिया को मालूम है,एक तुमको ही खबर नही है !!

एक तुम्ही हो जिसकी आहट वीराने में सुनता हूँ मैं,
एक तुम्ही हो जिसके लिए रोज ही सपने बनता हूँ मैं !
एक तुम्ही हो जिसकी यादे एक पल को भी नही भुला मैं,
एक तुम्ही हो जिसके आगे कभी खुलकर नही खुला मैं !
एक तुम्ही हो जिसकी हसरत मेरी ख्वाहिशो पर भारी है,
एक तुम्ही हो जिसके सम्मुख सारी हिम्मत लाचारी है !
एक तुम्ही हो जिसके सपने जीने को अब मन करता है,
एक तुम्ही हो जिसके आंसू पीने को अब मन करता है !
एक तुम्ही हो जिसके लिए सबसे छिपकर रोया हूँ मैं,
एक तुम्ही को पाना था पर एक तुम्ही में खोया हूँ मैं !
एक तू ही होनी थी बस, एक तू ही मगर नही है,
सारी दुनिया को मालूम है, एक तुमको ही खबर नही है !!

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