क्या होती है गरीबी?
नीदों को पलकों से आँखों में
ना उतरने दे
वो होती है गरीबी
सजने सवरने को जो बस
ख्वाहिस बना दे
वो होती है गरीबी
घर की बेटी की डोली
जो ना उठने दे
वो होती है गरीबी
मुँह में जाने से पहले
जो निवाला निगल जाये
वो होती है गरीबी
भूखे की जो भूख खा जाये,
प्यासे की जो प्यास पी जाये
वो होती है गरीबी
बच्चो से बचपन छीन ले
जवानी को जो बुढ़ापा बना दे
वो होती है गरीबी
जीने की जो आस मिटा दे
मरने की ख्वाहिस जगा दे
वो होती है गरीबी
वर्ग में बटे इस समाज में
सबसे नीचे जो आती है
वो होती है गरीबी
जो सिर्फ एक चुनावी मुद्दा
बनकर रह जाती है
वो होती है गरीबी
शहर के किसी कोने मै
दबी कुचली सी दिखती है
मेरे भारत में बत्तिस रुपए में
जो बिकती है
वो होती है गरीबी
वो होती है गरीबी