बचपन याद आता है
'हर्ष' मुझे मेरा बचपन याद आता है।
बचपन मेंं टूटा करते थे सपने,
अब दिल टूटा करते हैं।
बचपन में खोया करते थे सपनों में,
अब दुनिया में इंसान खो जाता है।
'हर्ष' मुझे मेरा बचपन याद आता है।
कहते थे बचपन में, सबमें भगवान है,
तो क्यों अब देखते ही अकेली लडकी,
सबमें हैवान जाग जाता है।
'हर्ष' मुझे मेरा बचपन याद आता है।
कल-तक रोते थे माँ के आँचल मेंं,
आज अकेले में रोना आता है।
कल-तक खाया करते थे दिन-भर,
अब बिना खाये पेट भर जाता है।
'हर्ष' मुझे मेरा बचपन याद आता है।
बचपन में किमती थे दोस्त,
आज किमत पैंसे की है।
देखता हूँ जो तस्वीरें बचपन की,
मेरा मन भर आता है।
'हर्ष' मुझे मेरा बचपन याद आता है।
देखूँ जो खुद को कभी आईने में,
एक गुमशुदा इंसान नजर आता है।
थका हुआ मुझसे वो कहता है,
'हर्ष' लौटा दो मुझे मेरा बचपन, क्योंकि
मुझे मेरा बचपन याद आता है।
मुझे मेरा बचपन याद आता है।