प्यार

अरबो लोगो से भरा है ये ज़हा
कडोरो प्रजातियाँ रहती है यहाँ
कोई छुट ना जाए इस भीड़ में
कही हार ना जाए तकदीर से
वो जिसने बाँध के रखा है ये संसार
वो अपनापन है  वो है अपनों का प्यार
 

जैसे रस्सी से बंधी है पतवार
जैसे ढाल से जुडी है तलवार
जैसे धरती से ज़ुरा है ये संसार
वैसे ही हमें जोरता है प्यार
 

प्यार अजीब अहसास है
ये रिश्तो में सबसे खास है
ये भाई बहन को जोरता
ये बेरिया सारी तोड़ता
ये माँ पिता का आशीर्वाद
ये परमपिता का है प्रसाद
 

ये बसता बुजुर्गो की कहानियों में है
ये हर प्राणी की वाणियो में है
ये पुत्र पुत्रियो की नादानियों में है
ये हर भीड़ और वीरानियो में है
ये जोड़ता हम सब को है
वो अहसास ही कहलाता है प्यार
 

ये बंधा नहीं कसमो में है
ना चलता किसी रस्मो से है
ये जुड़ा नही सिर्फ इंसानों से
ये पसुओ की हर हरकत में है
 

वो जो जोर सकता है ये संसार
वो जो कर सकता है हमारा उदादर
वो अकेला चीज़ है 
बस प्यार 
बस प्यार

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