देश का स्वाभिमान कुछ ऐसा भी
आज के युग में बढ़ा रहा है भारत
घट रहे हैं वन बढ़ रहे इमारत
कल जो देश की धरोहर थे
मिटने की कगार पर है
मत काटो इन्हे यारों
यह जीवित रहने को बेकरार हैं
शांत मौन खड़े रहना
दुनिया को बहुत कुछ देना
यह इनकी पहचान है
यह देश का स्वाभिमान है।।
दुनिया टिकी है इन्ही पर
इन्हें काट रहे हो ?
अरे तुम अपना आधार गिरा रहे हो
मौत की खाई में जा रहे हो।।
ना लेते हैं हमसे कुछ
पर देते हैं हमें बहुत कुछ
इनसे है जीवन हमारा
यही इनकी पहचान है ।
ये देश का स्वाभिमान है।